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अवैध खनन कर रहे माफियाओं की ग्रामीणों ने किया शिकायत | #TejasToday
तेजस टूडे ब्यूरो
मानवेन्द्र सिंह
उरई, जालौन। अवैध तरीके और नियम को तोड़कर बंधौली खण्ड 1 में बालू के अवैध खनन से परिवहन कर ग्राम सभा की बालू का अवैध परिवहन किया जा रहा है नियमो व अधिकारियों की आंखों में धूल झोंककर ओवरलोड भरकर रातों में निकाले जा रहे सैकड़ों तृक और बेतवा नदी का अस्तित्व माफियायों की मनमानी से समाप्त हो रहा है। नदी से दर्जनों पोकलैंड और आधुनिक हैवीवेट मशीनों से बालू के किए जा रहे खनन से नदी के पानी की धारा को समाप्त किया जा रहा है। बालू के अवैध खनन के लिए मशीनों को नदी के अंदर तक ले जाने से नदी में बड़े बड़े गढ्ढे हो जाते हैं जिन गढ्ढों में फंसकर कई लोग अपनी जान गंवा चुके है। हालात यह हो गया है कि पानी का बहाव रुक जाने से नदी का वजूद समाप्त होते जा रहा है।
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नदी के किनारे से लेकर पानी के बीच में बहाव वाले क्षेत्र में टीले व शूखे गढ्ढे बन चुके हैं। टीले का क्षेत्र हर वर्ष बढ़ता जा रहा है। अवैध तरीके और बालू खनन करने के सरकारी नियम से हटकर किए जा रहे खनन से हर वर्ष गर्मी के मौसम में नदी में पानी का बहाव कम हो जाता है। जल का प्रवाह धीमी हो जाती है। नदी के बहाव वाला क्षेत्र सिमट जाता है। कहा जाए तो नदी सूखने के कगार पर पहुंच जाती है। कभी कल-कल बहने वाली बेतवा नदी आज अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। नदी का अस्तित्व समाप्त होने के प्रभाव नदी किनारे के गांवों के भूजल का स्तर पर हर वर्ष कम पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में गांवों में नल सूख जाते हैं।
दरअसल नदी से बालू का खनन करने के लिए सरकार के द्वारा अरबों रुपये का टेंडर माफिया ले लेते है पर इसके बचाव और संरक्षण पर राशि नहीं खर्च करते है। इसका असर यह होता है कि गांव में जल का स्तर नीचे की ओर चला जाता है। सम्बंधित विभाग के अधिकारी ने बताया कि नदी में अवैध खनन रोकने के लिए हर समय छापेमारी अभियान चलाया जाता है। बालू का खनन करने वाले संवेदक को भी सरकार के नियम के तहत खनन करने का निर्देश दिया जाता है इन सबके बावजूद यह माफिया अपनी मनमानी जारी रखते है और ओवरलोडिंग के खेल को बखूवी अंजाम देने में लगे रहते हैं ऐसे माफिया सरकार की छवि को धूमिल करने में लगे हुए हैं।



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