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जिले में बारिश हुई कम, फिर भी बाढ़ के सभी रिकार्ड टूटे
तेजस टूडे ब्यूरो
मानवेन्द्र सिंह
उरई, जालौन। जिले में बाढ़ ने पिछले कई दशकों बाद रिकार्ड तोड़ दिया है। सिंध, पहुज और यमुना नदियों के रौद्र रुप धारण कर लेने से रामपुरा, कुठौंद और महेबा ब्लॉक के दर्जनों गांवों में हा-हाकार मचा हुआ है। पानी घरों के अंदर पहुंच गया है। बाढ़ से गिरे लोगों तक राशन सामग्री पहुंचाने के लिए सेना के हैलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। खबर मिली कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बाढ़ का हाल जानने के लिए जिले में आ रहे हैं। उनका हैलीकॉप्टर उतरने के लिए रामपुरा में प्रशासन द्वारा तैयारियां जारी हैं।
कोटा राजस्थान में चम्बल बैरज से लाखों क्यूसिक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना चरम पर उफना गई है। जालौन से औरेया को जोड़ने वाले शेरगढ़ घाट से ऊपर पानी छूने लगा है। कालपी में भी स्थिति भयाभय है।
इसी बीच प्रदेश के जनशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ने जिले में बाढ़ की स्थिति का हवाई सर्वे करने के बाद अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें बचाव कार्यों के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि बाढ़ में फसे कोई भी परिवार भूखे न सोने पाए। बाद में जिले के प्रभारी मंत्री नीलिमा कटियार ने भी जिले में दो दिन का प्रवास किया है। हवाई सर्वे के अलावा उन्होंने मोटरवोट से भी बाढ़ का जायजा लिया और लोगों को भोजन सामग्री वितरित की। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन और पुलिस अधीक्षक रवि कुमार ने भी हवाई सर्वे करके बाढ का आंकलन किया। रामपुरा में नगर पंचायत अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह ने बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन की व्यवस्था हेतु, किचिन शुरु करवाई है। जिसमें अनवरत लंच पैकेट तैयार हो रहे हैं। इसके बाबजूद कई स्थान ऐसे हैं जहां बाढ़ से गिरे लोगों तक प्रशासन की पहुंच अभी भी सम्बध नहीं हो पाई है। यहां तक कि लोग खाने के लिए भी तरस रहे हैं। सैकड़ों परिवार पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। उनके गृहस्थी सारा सामान और अनाज बाढ़ में बह गया है। जबकि जलस्तर अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है।
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